आने वाली 26 तारीक को मोदी सरकार को सत्ता में आए पूरे 2 वर्ष हो जाएंगे,इसी दिन मोदी जी ने सभी सार्क देशों के प्रमुखों की मौजूदगी में प्रधानमंत्री पद की शपथ लेकर भारतीय जनता पार्टी को वो अवसर प्रदान किया जिसकी तलाश उसे पिछले 32 सालों से थी।
1984 के बाद से ऐसा पहली बार हुआ था जब भाजपा ने अपनी दम पर भारत की राजनीतिक सत्ता को हासिल किया था।
भाजपा के नेतृत्व में एनडीए ने 543 में से 336 सीटें अपने नाम की वहीं भाजपा को 282 सीटें हासिल हुई।
60 साल से सरकार चला रही कांग्रेस पार्टी की ऐतिहासिक हार हुई,वो मात्र 44 सीटों पर सिमट कर रह गई।
भाजपा की इस शानदार जीत के पीछे थे 3 बार गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके संघ के प्रचारक श्रीमान नरेंद्र दामोदर दास मोदी।
मोदी की बेमिसाल चुनावी रणनीति और उनके साथीदारों की सूझ-बूझ से ही ये चमत्कार हो पाया था।
मोदी के साथ साथ जेटली, अमित शाह, राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, नितिन गडकरी आदि ने चुनावी प्रचार में कोई कमी नहीं रखी। मोदी जी जानते थे की जनता कांग्रेस से हताश है। लोगों के मन में लगी चिंगारी को उन्होंने भांप लिया था बस उस चिंगारी को आग में बदलना था।
इसके लिए मोदी जी ने उन मुद्दों को उठाया जिसके लीए कांग्रेस पहले से ही बदनाम थी जैसे 2जी घोटाला, सीडब्लूजी घोटाला,कोल ब्लॉक आवंटन से जुड़ा मामला, रोबर्ट वाड्रा से जुड़े मामले आदि।
लोगों से सीधे जुड़ने के लिए उन्होंने 437 से ज़्यादा जन-संवादों में हिस्सा लिया, 1300 से ज़्यादा रैलियां की जिनमे थ्रीडी टेक्निक के ज़रिये होने वाली रैलियां शामिल हैं।
लोगों से सीधे जुड़ने के लिए उन्होंने 437 से ज़्यादा जन-संवादों में हिस्सा लिया, 1300 से ज़्यादा रैलियां की जिनमे थ्रीडी टेक्निक के ज़रिये होने वाली रैलियां शामिल हैं।
इन सभी तरीकों के बल पर भारतीय जनता पार्टी ने अपनी जीत सुनिश्चित कर ली। 26 मई को प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठते ही मोदी जी ने विदेशों में रखे कालेधन को वापस लाने के लिए एक जांच कमिटी का गठन किया और लोगों के ज़हन में अपना नाम लिखवा दिया हालाँकि इस जांच कमिटी से अब तक कोई भी ज़रूरी सफलता हाथ नहीं लगी है। संसद में पहली बार जाते हुए उन्होंने संसद की सीढ़ियों को झुककर प्रणाम किया जिससे लोगों के दिल में उनकी एक अलग ही छवि स्थापित हो गई बहरहाल मेरे हिसाब से तो ये एक राजनीतिक पैंतरे से अधिक और कुछ नहीं था।
मोदी सरकार ने आते ही कई सारि नवीन योजनाओं का शुभारंभ किया जिनमे मुख्य हैं "प्रधानमंत्री जनधन योजना" जिसके तहत सभी देशवासियों को देश की बैंकिंग प्रक्रिया से जोड़ा गया, "मेक इन इंडिया" जिसके तहत विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश करने के प्रस्ताव भेजे गए, "स्वच्छ भारत अभियान" जिसके तहत सभी देशवासियों से अपील की गई के वे अपने आसपास के इलाकों को स्वच्छ व् सुंदर बनाए रखें।
इनके अलावा और भी कई सारी योजनाएं आज देश में चलाई जा रही हैं।
प्रधानमंत्री बनने के बाद से मोदी जी 35 से ज़्यादा विदेश यात्रा कर चुके हैं ऐसा करने वाले वे पहले प्रधानमंत्री हैं।
उन्होंने ऑस्ट्रेलिया, फिजी, जर्मनी, फ्रांस, आयरलैंड, इंग्लैंड, चीन, अमेरिका, नेपाल, यूनाइटेड अरब एमिरेट्स, जापान, कोरिया समेत 35 से ज़्यादा देशों की यात्राएं की और सभी राष्ट्रप्रमुखों से मिलकर भारत में निवेश करने का आग्रह किया साथ ही कई सारे समझोतों पर भी हस्ताक्षर किए।
सबसे ज़्यादा चर्चा उनकी उस पाकिस्तान यात्रा की रही जिसमे वे अचानक नवाज़ शरीफ के जन्मदिन पर उन्हें बधाई देने पाकिस्तान पहुँच गए, बुद्धिजीवियों ने मोदी जी के इस कदम को एक सार्थक पहल बताया मगर कुछ ही दिन बाद हुए पठानकोट एयरबेस हमले से बुद्धिजीवियों के मुँह पर ताले डल गए।
मोदी ने कुछ ही दिनों में समस्त विश्व की राजनीति में एक अहम स्थान हासिल कर लिया उनके चर्चे हर जगह होने लगे उन्ही की सिफारीश पर यूनाइटेड नेशन्स ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योगा दिवस घोषित दिया।
मोदी जी के आते ही भाजपा की स्थिति लगातार सुधरने लगी भाजपा ने झारखण्ड, हरयाणा और महाराष्ट्र में जीत का परचम लहरा दिया हालाँकि दिल्ली और बिहार में उसे हार का सामना भी करना पड़ा।
हालही में आए विधानसभा चुनावों के नतीजों ने भाजपा को और मज़बूत स्थिति में ला खड़ा किया है मोदी मैजिक के कमाल से भाजपा पहली बार आसाम में सरकार बनाने जा रही है।
बंगाल, तमिलनाडु और केरल में भाजपा को जीत तो नहीं मिली मगर वहां उनकी 1-2 सीटों का आना भी उनके लिए ख़ुशी की बात है। मोदी के प्रभाव से कांग्रेस का नामोनिशान मिटता जा रह है। पुद्दुचेरी को छोड़ कांग्रेस को हर जगह करारी हर झेलनी पड़ी है। मोदी की सफलता का राज़ उनकी वो ताकत है जिसके ज़रिये वो लोगों से सीधे जुड़कर उनके मन में अपनी जगह बना लेते हैं।
सभी सोशल साइट्स पर अकॉउंट होना, नरेंद्र मोदी एप का होंना और मन की बात जेसे कार्यक्रम इस बात का प्रमाण हैं। हाल ही में मिली पीएमओ की रिपोर्ट के अनुसार मोदी के पास अपनी कोई कार नहीं है, उनका मात्र एक बैंक अकाउंट है और नजाने ऐसी कितनी बातें हैं जिनके आधार पर उन्हें चाहने वाले उनका महिमामंडन कर सकते हैं और शायद यही वजह है के लोग उन्हें अब "पीपल्स प्रिमेमिनिस्टर" अर्थात जनता का प्रधानमंत्री कहने लगे हैं। स्पष्ट है के योजनाएं तो सभी ने चलाई मगर उन्हें ठीक तरह से जनता तक पहुचाने का काम, उनका प्रचार करने का काम केवल मोदी जी ने किया जिसका परिणाम आप देख ही सकते हैं।
मोदी जी एक गुजरती मानुष हैं और एक गुजराती का काम होता है अपने व्यापार को, अपने व्यवसाय को शीर्ष तक पहुचाना। मोदी जी के लीए ये देश ही एक व्यवसाय हैं जिसके सर्वोच्च पद पर वो खुद आसीन हैं और इसे शीर्ष तक पहुचाने का काम उन्होंने आरम्भ भी कर दिया है। मैं विपक्ष और बुद्धिजीवियों के विचारों से अनजान हूँ मगर आज की स्थिति को देखते हुए 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजे मुझे साफ नज़र आ रहे हैं।
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