Saturday, 2 April 2016

क्या खड़ा हो पाएगा दीदी की धरती पर मोदी का महल?


आज से कुछ ही दिन पूर्व 23 जनवरी को नेताजी की 119वि वर्षगांठ पर जब सत्ताधारी सरकार ने नेताजी से जुडी फाइलों को पब्लिक किया तो पूरे देश में मोदी जी की तारीफ़ हुई क्योंकि 1945 की उस घटना के बाद से नेताजी की मौत एक रहस्य बनी हुई थी जिस पर से अब होले-होले पर्दा उठ रहा है।
एक समाचार पत्र के अनुसार हाल में नेताजी की कुछ और फाइल्स को पब्लिक किया गया जीसके तहत ये पता चला के 18 अगस्त 1945 के बाद भी नेताजी ने 3 रेडियो मेसेज भेजे थे ये बात सच में हैरान कर देने वाली है।
उल्लेखनीय है की पिछले 60 सालों में कांग्रेस सरकार ने एक बार भी नेताजी से जुडी फाइलों को ओपन करने का कोई विचार पेश नहीं किया था,जानकारों का मानना है के ऐसा इसलिए नहीं किया गया क्योंकि ऐसा करने से कांग्रेस के पूर्व नेताओं के राज़ लोगों के सामने आजाते और साथ ही कई सारे देशों से भारत के सम्बन्ध बिगड़ जाते हालाँकि अभी तक तो जानकारों की जानकारी सही साबित नहीं हो पाई है। मगर मोदी जी का ये शानदार कदम उनकी शानदार राजनैतिक समझ को भी दर्शाता है जी हाँ वही राजनीति जिसके प्रभाव से 10वि पास तेजस्वी का भविष्य भी ओजस्वी नज़र आता है।

नेताजी की मौत की गुत्थी पर विचार आरम्भ कर मोदी सरकार ने बंगाल चुनावों में अपनी स्थिति मज़बूत कर ली है। विश्व टी20 के ख़त्म होते ही बंगाल की कुर्सी का मुकाबला आरम्भ होने वाला है जहां विधान सभा की 294 सीटों पर 4 अप्रैल से 5 मई तक चुनाव होने हैं। भाजपा ने नेताजी को ही अपना हथियार बनाते हुए उनके परपोते चंद्र कुमार बोस को ममता दीदी के खिलाफ कर दिया है। वहीं दूसरी और कोलकाता में निर्माणधीर फ्लाई ओवर के गिर जाने से दीदी की मुश्किले बढ़ती हुई नज़र आ रही है। इस सब के बीच बच्चे भी नहीं मान रहे और जगह जगह रैलियां करते फिर रहे हैं। अभी हाल फिलहाल में बच्चों की टोली आसाम में थी।
हाल ही में आय एग्जिट पोल के नतीजों के अनुसार तो दीदी को पूर्ण बहुमत हासिल हो रहा है और हो सकता है की बंगाल में उनकी दूसरी पारी आरम्भ हो जाय पर असल फैसला तो जनता ही करेगी।

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