अंग्रेजी की एक बहुत ही प्रसिद्ध कहावत है के-"Nobody In this World is perfect"
चंद शब्दों की ये कहावत संसार की सच्चाई को बयां करती है मगर आचार्य चाणक्य कह गए हैं के-
समय के साथ समाज में,प्रथाओं में,कार्यों में एवं विचारों में परिवर्तन आवश्यक है।
वर्तमान स्थिति के अनुसार अंग्रेज़ि की वो प्रसिद्द कहावत कुछ यूँ हो गई है- "No one in this world wants to consider anyone as Perfect"
अब देखिये ना भाजपा समर्थक को कांग्रेस सरकार की हर नीति में खोट नज़र आता था और आज हर कांग्रेस समर्थक को भाजपा की योजनाएं बकवास लगती हैं।
राजदीप सरदेसाई के साथ खड़े लोग रविश कुमार के खिलाफ नज़र आते हैं तो रविश कुमार के समर्थक राजदीप के खिलाफ वर्तमान तो छोड़िये भूतकाल के लोगों को भी इस नई कहावत का असर झेलना पड़ रहा है,अम्बेडकर को चाहने वाले गांधी की खिलाफ तो नेहरू वाले सरदार के।
आज का हमारा युवा वर्ग इस कहावत का सबसे बड़ा शिकार है हर दूसरा आदमी बस यही सवाल करता है क्यों भाई क्या बनना चाहते हो?
आपका जवाब यदि इंजिनीअर हुआ तो आपको सबसे ज़्यादा मुफ़्त सलाह मिलेगी आपसे कहा जायेगा की ये तो हर कोई कर रहा है।
यदि आपने डॉक्टर कहा तो आपको पढाई में आने वाले खर्चे के बारे में विस्तार से समझाया जायेगा।
यदि आपने कोई बिज़नेस करने की बात कही तो आपको बेशक एक ताना सुन्ना पड़ेगा "अच्छा मतलब अम्बानी बनोगे"
आप आई ऐ एस या आई पि एस अफसर बनना चाहेंगे तो आपको ये केहकर डराया जायेगा की "भैया बड़ी कठिन पढ़ाई है हर किसी के बस की बात नहीं है"
इन नामी गिरामी प्रॉफेशन्स के बाद आते हैं मुझ जेसे लोग जो पत्रकारिता या लेखन के कार्य में जाना चाहते हैं इस तरह के बच्चे अक्सर हसि का पात्र बनते हैं क्योंकि लोगों(मुख्य रूप से रिश्तेदार) के अनुसार पत्रकार या लेखक बनना कोई बड़ी बात नहीं हर कोई बन सकता है।
तो कुछ इस प्रकार से युवाओं को डराया जाता है उनके मन में ये भ्रान्ति पैदा कर दी जाती है के यदि उन्होंने ये काम किया जिसके लिए वो अग्रसर हैं तो उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
इन बातों को सुनकर इन पर ध्यान देकर किसी भी युवा या किसी भी विद्यार्थी ने यदि अपने लक्ष्य से मुँह मोड़ लिया तो उसी वक़्त उसके दिल की,उसके मन की अर्थात उसकी हार सुनिश्चित हो जाती है।
हो सकता है भविष्य में वो ज़्यादा पैसा कमा ले,उसके पास नोकर चाकर हो,बड़ा बंगला हो गाड़ी हो और इन सब चीज़ों के कारण बाहरी ख़ुशी भी हो मगर यकीन मानिये मित्रों उसे कभी भी आंतरिक शांति और आंतरिक ख़ुशी की अनुभूति नहीं होगी।
हाँ कभी कभी आपका मनपसंद काम शुरुआत में आपको उतना पैसा नहीं देगा जितना आपको चाहिए मगर लगातार मेहनत करते रहने पर आप उसी काम से सफलता पाएंगे इसमें कोई दोराह नहीं है।
वेसे भी मित्रों जीवन जीने के लिए पैसा कमाया जाता है,पैसा कमाने के लिए जीवन नहीं जिया जाता।
इतना सब पढ़ने के बाद आप समझ चुके होंगे के आप कितने सक्षम हैं,आप कितने परफेक्ट हैं ये आपसे बेहतर और कोई नहीं जानता इस दुनिया में कोई और इंसान आपका भविष्य तय नहीं कर सकता।
स्वयं ऐ पि जे अब्दुल कलाम भी उनकी किताब "विंग्स ऑफ फायर" में कहते हैं की- "No one in this World is perfect But everyone has A chance to Be unique"
आप सब कुछ अलग करना चाहते हैं,कुछ अलग बनना चाहते हैं मगर ये दुनिया दिन रात आपको दूसरों सा बना देने में लगी हुई है।
सभी की तरह बनना पहली नज़र में आसान नज़र आता है मगर लंबे समय तक खुशियाँ नहीं दे सकता निर्णय आप ही को लेना है के आप खुद बनना चाहते हैं या कोई और।
मैं ये नहीं कहता के आप दूसरों की न सुने मगर हाँ सिर्फ दूसरों की भी न सुने अपने मगज का इस्तमाल करें अपना लक्ष्य निर्धारित करें और बस उसके पश्चात भटके नहीं। क्योंकि किसी ने क्या खूब कहा है के "हर एक से अपनी मंज़िल का रास्ता न पूछना मेरे दोस्त,कुछ लोग गुमराह भी कर देते हैं।
प्रसिद्द लेखक और फ़िल्म कलाकार पियूष मिश्रा सत्य ही कहते हैं-"इंसान अपनी नज़र में सही होना चाहिये बाकी दुनिया तो खुदा से भी नाराज़ है"।
अंत में आपको एक और परिवर्तित और सटीक कहावत के साथ अकेला छोड़ देता हूँ-
"Everybody In this World Is Born to be Perfect In His/Her Destined Field"
विचार कर के देखिएगा।
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