है हमको दुःख, है हमको गम, बहुत ज़्यादा, बहुत ज़्यादा।
हैं मायूस कितने हम?, बहुत ज़्यादा, बहुत ज़्यादा।।
अगर तुमको ये लगता है कि बस तुमसे है ये आलम,
तो तुमने पी रखी है रम, बहुत ज़्यादा, बहुत ज़्यादा।।
ये आँखें जो मुनव्वर हो गई थीं तेरे आने से।
रहती हैं आजकल ये नम, बहुत ज़्यादा, बहुत ज़्यादा।।
तुम हवा हो काम तुम्हारा तेज़ चलना है।
हमारी चाल है मद्धम , बहुत ज़्यादा, बहुत ज़्यादा।।
के जैसे घिर गया हो चाँद बहुत सारे सितारों से,
तेरे आशिक़, तेरे हमदम, बहुत ज़्यादा, ज़्यादा।।
ये कैसी रुत है जिसमें तेरा चेहरा गर्म भी है और,
बिछी है होंठों पर शबनम , बहुत ज़्यादा, बहुत ज़्यादा।।
मुहब्बत है तो जाओ और मुहब्बत से कहो ये सफ़,
"है तुमसे इश्क़ हमें जानम बहुत ज़्यादा बहुत ज़्यादा।।"
है कितना प्यार?, "दूजा इश्क़" अगर पूछे तो तुम कहना,
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