एक चिड़िया आकर बैठ गई,
तन्हा पेड़ की डाली पर।
पँखों से अपना सर सहला कर,
चीं-चीं, चूं-चूं करने लगी।।
डाली पर पत्ती ढ़ेरों उनमें,
एक पत्ती बहुत बड़ी....
चिड़िया ने जब देखा उसको,
तो उसमें चोंच गड़ाने लगी...
उसी डाल पर दूजी चिड़िया,
पहली से एकदम अलहदा....
आकर हौले बैठ गई,
और उस पत्ती पर चोंच रखी....
एक चोंच पहली ने मारी,
एक चोंच दूजी ने भी....
पहली वाली तेश में आ गई,
दूसरी भी कम ना पड़ी...
डाल पूरी ख़ौफ़ में आ गई...
पत्ती की हालत बिगड़ गई,
आस-पास कुछ गुंचे लगे थे,
चोट खाकर टूट गए...
छेद-छेद हो गई वो पूरी,
सब्ज़ खून से नहा गई.....
डर लगा मुझको के पत्ती
कहीं टूटकर बिखर ना जाए....
देख रहा था ये सबकुछ के,
गैलरी में आवाज़ हुई,
बाहर गया तो देखा दर पर,
अखबार सुबह का आया था....
अख़बार उठाया,
खोला उसको,
फ्रंट पेज की खबर पढ़ी।
फ्रंट पेज पर लिखा हुआ था,
लाल-काले हर्फ़ों में।
के पांच जिले कश्मीर राज्य के,
आगजनी में तबाह हुए।
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