Wednesday, 4 April 2018

जवानी।



क्या बस यूँहि गुज़र जाएगी जवानी।

कसम से बहुत, याद आएगी जवानी।।


जो भी कमाया, लुटा देगा बुढ़ापा।

जो भी लुटाओगे, कमाएगी जवानी।।


पास है अभी तो इस्तेमाल करो,

जावेदां नहीं है, मर जाएगी जवानी।।


उन्स, इश्क़, अक़ीदत, इबादत, जुनूँ।

वल्लाह! और क्या-क्या करवाएगी जवानी।।


इश्क़ है तो जाओ, कह दो वरना!

ता-उम्र रो-रो कर, पछताएगी जवानी।।

Keep Visiting!

No comments:

Post a Comment

चार फूल हैं। और दुनिया है | Documentary Review

मैं एक कवि को सोचता हूँ और बूढ़ा हो जाता हूँ - कवि के जितना। फिर बूढ़ी सोच से सोचता हूँ कवि को नहीं। कविता को और हो जाता हूँ जवान - कविता जितन...