कोई अच्छा मुगालता पाल लेंगे।
कुछ रोज़ इस शहर में निकाल लेंगे।।
चरागों से उनके तो हाथ जल गए,
जो कहते थे सूरज सम्भाल लेंगे।।
हम दोनों पहली बार मिल रहे थे। इससे पहले तक व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम पर बातचीत होती रही थी। हमारे बीच हुआ हर ऑनलाइन संवाद किसी न किसी मक़सद स...
No comments:
Post a Comment