Monday, 1 January 2018

क्या लगती हो।


Prcinspirations Wishes You All A Very Happy Valentines Week!



यूँ जो तुम हमको तकती हो।

माशा अल्लाह! क्या लगती हो।।


क्या करीना है तुम्हारा, क्या क्या करती हो।

दरया में लहरें उठती हैं जब आँखें मलती हो।।


ये सोचकर मैं तुम्हें तितली नहीं कहता।

जब भी मिलने आती हो, पैराहन बदलती हो।।


चाँदना होने को आया, जग जाओ जानम।

क्या पता तेरे जगने से जन्नत जगती हो।।


तेरे जगने से शम्स उफ़क़ पर दस्तक देता है।

तेरे सोने से ही शायद, शाम ढ़लती हो।


वो गए तो बागबां की रौनक चली गई।

गोया फ़ूलों पर भी मानो उनकी चलती हो।।


बरखा, पतझड़ और बहारें सब गुज़रते हैं।

जब भी मेरे सामने से तुम गुज़रती हो।


यार वो जो लड़की है, बहन है मेरी। 

तुम भी कितनी पागल हो उससे जलती हो।


एक जगह ठहरो यारम, दीदार करूँ जी भर।

शौख हवाओं जैसी तुम कितना मचलती हो।।


धड़कन मेरी, सांसें मेरी तुम में चलती हैं।

यकसर मुझमे हो बस तुम, तुम ही चलती हो।

Keep Visiting!

No comments:

Post a Comment

चार फूल हैं। और दुनिया है | Documentary Review

मैं एक कवि को सोचता हूँ और बूढ़ा हो जाता हूँ - कवि के जितना। फिर बूढ़ी सोच से सोचता हूँ कवि को नहीं। कविता को और हो जाता हूँ जवान - कविता जितन...