Thursday, 2 November 2017

उनको पाने के लिए।




 उनको पाने के लिए, ख़ुद को खोने के लिए.
  रातें  काटा करते हैं  सुबह होने के लिए.

शायरियों ने तो हमे बे-कार किया है दोस्त!.
 कौन कमबख्त लिख रहा है मशहूर होने के लिए.

हसरतें भी करने वाले कैसी-कैसी करते हैं
 आसमान को चाहिए ज़मी सोने के लिए

दुनिया जो ये चाहते हैं, दुनिया इनको मिल जाए
 ये फिर भी रोते बैठेंगे किसी नए खिलौने के लिए

इश्क़ ज़रा भी है नहीं तो इनकार ही कर दो.
 फैसला भी है ज़रूरी, मंज़ूर होने के लिए.

कोई दूर हुआ है तुमसे, कोई पास भी आएगा।
 के फसलें काटी जाती हैं, फसलें बोने के लिए. 

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