For the city of New Delhi
नई दिल्ली में तने हुए हैं,
कई पुराने मक़बरे...,
राजा-रानी, शासक, सम्राट,
दफ़्न हैं सारे मिट्टी में...
बाबर से हुमायूं और,
हुमायूं से अकबर तक...
अकबर से शाहजहां और,
शाहजहां से औरंगज़ेब...
ख़ून गिरा जब एक का,
दूसरा साहिब-ए-मसनद हुआ..
दूसरा जब ख़त्म हुआ,
तो तीसरे ने इब्तिदा की...
आए सारे राज किया, ऐलान किये,
और चले गए...
कोई न था जो रुक पाया..और,
कोई है नहीं जो रुक सके...
"कल" को देखने,
"आज" हर रोज़ चल कर आता है...और
लेकर कुछ तस्वीरें,
लौट जाता है घर अपने...
मगर "कल" नही लौटता,
वो घर कर जाता है,
"आज" के ज़हन में..
"कल" तक के लिए......
नई दिल्ली में तने हुए हैं,
कई पुराने मक़बरे...,
राजा-रानी, शासक, सम्राट,
दफ़्न हैं सारे मिट्टी में
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