Thursday, 9 February 2017

सिलसिले।


"Ups and downs in life are very important to keep us going, because a straight line even in an ECG means we are not alive"

-Ratan Tata (Industrialist - India)



जिन ऊंचाइयों पर ढलानों की,
तुम पहुँच चुके हो जनाब,
बस वहीँ से लुड़कने का,
सिलसिला शुरू होता है।

के जिनके दम पर सफ़र,
कटा था यहां तक का,
अब शायद अहल वो ना मिलें।

जो मिलेंगे, शायद हाथ थामे नहीं,
के ढ़लते आफताब के दर्शन,
आखिर कौन करता है?

ज़ईफ़ होने लगोगे जब,
तब कोई हाल ना पुछेगा।
के सूखे पड़ते दरख़्त से,
आखिर कौन पानी पूछता है?

अदब जो आए थे चलकर,
तेरे दर-ए-क़ुबूल तक।
लौटेंगे सारे के सारे नज़र चुराकर,
तुम देखना।

लुड़क-लुड़क कर आखिर में,
तुम तल को छू जाओगे।
तो लोग मिलेंगे ठीक वैसे,
जैसे तुमने छोड़े थे।

ऊंचाइयों की जिस इब्तिदा पर,
फिर पहुंचोगे तुम जनाब,
बस वहीँ से सिलसिला इक,
नया शुरू हो जाएगा।

Keep Visiting!

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