इस मुख्तलिफ अफ़साना को पढ़ने से पहले अपने ज़हन से यह बात निकाल दें की यह कहानी आपको कोई सन्देश देने के उद्देश्य से लिखी गई है। पूर्णतः काल्पनिक इस कहानी में माता-पुत्री के आपसी संबंधों को दर्शाया गया है। एक माँ जिसने अपने पति को और एक बेटी जिसने अपने पिता को खो दिया है आजकल अकेले रह रहे हैं। पति के चले जाने के बाद से माँ अपनी बेटी के लिए पिता का किरदार भी अदा करते हुए काम कर रही हैं और हर रोज़ उन रुढ़िवादी लोगों को करारा तमाचा जड़ रही हैं जो महिलाओं को चौके-चूल्हे तक ही सिमित रखना चाहते हैं। समाज के द्वारा तय किये गए कायदों में ना रहकर यह माँ-बेटी मजे में रहती हैं और इसलिए बेहद ख़ुशहाल जीवन जी रही हैं( जब से मैंने सोचा है के "फर्क नहीं पड़ता" सच कहूँ तो बस तभी से बहुत फर्क पड़ा है) ऑफिस में काम करते हुए माँ को अपने बॉस से प्यार हो जाता है और यह बात बेटी को पता चल जाती है। अपनी माँ को किसी और के साथ देखकर बेटी एक अविश्वसनीय फैसला लेती है। यह फसाना उसी फैसले को आवाम तक पहुँचाने के लिए लिखा गया है।
Ela's Office
“ईला मेडम आपको
साहब ने अन्दर बुलाया है”, ऑफिस के peon श्यामलाल ने
अपनी टोपी सुधारते हुए कहा.
“जी
श्यामा भैया” ईला ने अपनी डेस्क छोड़ी.
“may I come in sir”, ईला ने कैबिन का गेट खोलते हुए कहा.
“yaa ila please come in, और मैंने
कहा ना call me shorya(मुस्कुराते
हुए)
अच्छा
apart from this have you completed the work I assigned to
you”, शोर्य
ने सवाल किया.
“yes sir, sorry(हिचकिचाते
हुए) मेरा मतलब है हाँ शोर्य the files are ready”, ईला
मुस्कुराई.
“ohk so I am going out for lunch today, will
you accompany me?”, शोर्य ने request की.
“no sir possible नहीं है, घर
पर श्रेया अकेली होगी, there is no one to look after her. आप तो जानते
ही हैं”, ईला का चेहरा मुरझा गया.
“don’t be sad ila, I understand, चलो आज नहीं
तो फिर कभी, you may go now.”, शोर्य ने
कहा.
“see you tomorrow sir”, ईला ऑफिस से
बाहर आ गई और अपना सामान उठाकर घर की ओर निकल गई.
ईला
महेश्वरी, एक बिज़नेस
फर्म में काम करने वाली working woman ,जो अपने पति
की मौत के बाद से अपनी बच्ची श्रेया के साथ अकेले रहती
है. श्रेया के पिता अशोक महेश्वरी एक बेहद बड़ी advertising company के मालिक थे.
एक रोज़ वो काम के सिलसिले में शहर से बाहर गए हुए थे, वहीँ एक मीटिंग के दौरान
उन्हें दिल का दौरा पड़ा और वो चल बसे. अशोक की आकस्मात मौत ने ईला को शोक में डाल
दिया मगर वो जल्द ही इस सदमे से उभर भी आई. इसकी वजह श्रेया ही थी जिसकी परवरिश
में ईला कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती थी. अशोक की मौत के बाद उसकी company भी पंचतत्व
में विलीन हो गई थी और अब घर चलाने का पूरा ज़िम्मा ईला पर था. अब उसे केवल माँ ही
नहीं बल्कि पिता का role भी play करना था. अपने MBA होने
का ईला को यह फायदा हुआ के बिना किसी मशक्कत के उसे एक business firm
में job मिल गई जिसके मालिक थे mr. shorya hirani. ईला पिछले तीन साल से इस firm में as a project manager काम कर रही
थी.
Ela's Home
“shreyu are you there बेटे!”, ईला
ने अपने घर के अन्दर घुसते हुए श्रेया को आवाज़ दी.
“shreyu बेटे क्या कर रहे हो at least answer me”, थकी हुई ईला
ने सब्जियों से भरा झोला टेबल पर रखते हुए कहा.
“here is your tea mrs. Maheshwari”, श्रेया ने
ईला के हाथ में चाय देते हुए कहा.
“thanks darling!”, ईला ने
श्रेया के हाथ पर kiss करते हुए
कहा, “so how was the day?, ईला ने बात
आगे बढाई.
“nothing new mom, बस वही रोज़ जैसा, you say”, श्रेया ने
बताया.
“same here”, what about your homework?”, ईला ने
अपना गला साफ़ करते हुए कहा.
“nothing new mom, बस वही रोज़
जैसा”, श्रेया हँस
पड़ी.
“just go and do your homework shreya, its an
order”, ईला
ने अपनी शक्ल पर गुस्सा लाने की नाकाम कोशिश की.
“जी
सरकार”, श्रेया अपने कमरे की और दौड़ी.
केवल
14 साल की उम्र में अपने पिता की मौत देखने वाली श्रेया बाहर से बेहद हसमुख और full of life type लड़की थी मगर
अन्दर से हमेशा से ही वो निराश और हताश रहती थी. उसकी ख़ुशी का एकमात्र कारण और सबब
उसकी माँ ईला थी. श्रेया और ईला माँ-बेटी से ज्यादा अच्छे दोस्त थे और इसलिए उन
दोनों के बीच में कोई असरार नहीं थे, वो आपस में हर बात शेयर किया करते थे.
Ela's Office Campus
“Good morning sir”, ईला ने
ऑफिस के बाहर खड़े shorya से कहा.
“oh! Hi ela आज ऑफिस
कैसे, its Sunday don’t you know?”, शोर्य ने
प्यार भरी आवाज़ में कहा.
“of course I know but had to complete some
pending works”, ईला
ने अपनी बात रखी.
“come on ela enjoy your Sunday, ohk lets go
for a coffee and आज मैं तुम्हारी एक नहीं सुनूंगा, वैसे भी तुम
हमारे ऑफिस की सबसे hard working employee हो सो boss होने के नाते एक treat तो बनती है.”, शोर्य ने एक सांस में कहा.
असल
में hard work करने वाले तो और भी कई लोग ऑफिस में थे मगर
शोर्य का दिल ईला पर आकर थम गया था. हालाँकि यह पहली नज़र का प्यार तो नहीं था मगर
हाँ प्यार था. शोर्य पिछले तीन साल से ईला को पसंद करता था मगर कभी इज़हार नहीं
किया था. शोर्य ईला से 2 साल छोटा था, वो यह बात भी जानता था की ईला एक विधवा है
और उसकी एक बच्ची भी है. मगर फिर भी ईला के लिए उसकी मोहब्बत पिछले तीन सालों में
कई गुना बढ़ चुकी थी. (इश्क है तो इश्क का इज़हार होना चाहिए)
“ok lets go, वैसे भी तुम
मानने वाले नहीं हो”, ईला मुस्कुराई.
Sukoon Coffee Shop
“hey shreya वो तेरी mom हैं ना”,
श्रेया की दोस्त अर्शिता ने शक की निगाहों से देखा.
“हाँ
यार माँ तो मेरी ही हैं, और ये तो शोर्य uncle हैं,
what is she doing with him in a coffee shop”,
श्रेया
ने कहा.
“film देखने आए हैं!, dumbo coffee पीने
आए होंगे और क्या”, अर्शिता ने तंज कसा.
संजोग
से श्रेया भी उस दिन उसी coffee shop में गई हुई
थी जहाँ शोर्य और ईला गए थे. शोर्य ने भी श्रेया को वहाँ देख लिया था मगर उसने इस बारे
में ईला से कोई बात नहीं की. (इशारों को अगर समझो राज़ को राज़ रहने दो)
उस
दिन के बाद से शोर्य और ईला की मुलाकतें बढ़ने लगीं, ईला को भी शोर्य की बातें, हरकतें उसका साथ अच्छा लगने लगा, उसे
उसके साथ वक़्त बिताने में सुकून मिलने लगा. In short ईला को
भी शोर्य से वह हो गया जो शोर्य को पिछले तीन सालों से था, प्यार! और जल्द ही
दोनों ने एक-दूसरे से अपने इश्क का इज़हार भी कर दिया( प्यार हुआ, इकरार हुआ, इज़हार
तो होना ही था)
ईला
ने यह बात अब तक श्रेया को नहीं बताई थी और श्रेया ने भी coffee shop वाले incidence के बारे में
ईला से कोई बात नहीं की थी. आपस में हर बात साझा करने वाले नजाने क्यों इस बार
खामोश थे. ईला श्रेया को सबकुछ बता देना चाहती थी मगर उसे सही वक़्त का इंतज़ार था और
श्रेया इसी ख्याल में डूबी हुई थी की आखिर उसकी माँ अपने बॉस के साथ कॉफ़ी शॉप में क्या
कर रहीं थी? (बे-करार हैं बात करने को, तेरी-मेरी खामोशियाँ)
एक
दिन अचानक शोर्य ने ईला को उसी coffee shop में बुलाया
जहाँ वो दोनों पहली दफ़ा date पर गए थे और जहां
श्रेया ने उन्हें साथ में देख लिया था.
Sukoon Coffee Shop
“क्या हुआ शोर्य, इस तरह यूँ अचानक से क्यों
बुलाया है मुझे?”, ईला ने कुर्सी पर बैठते हुए कहा.
“ohk ela so बिना कोई भी
ड्रामा किये I just want to say –
“I
love you ela, will you marry me?”, शोर्य ने ईला का हाथ पकड़ते हुए अपने दिल की बात
कही.
“shorya ये मेरे अकेले का decision नहीं होगा, there is someone जिसका opinion
जानना
बहुत ज़रूरी है मेरे लिए, I hope you understand”, ईला ने भी
शोर्य का हाथ अपने हाथों में ले लिया.
“it’s a yes from my side mom, he is good for
you, say yes”, किसी
ने अपने दोनों हाथ ईला के कन्धों पर रख दिए.
ईला
हडबडाते हुए मुड़ी तो देखा के पीछे श्रेया खड़ी थी, वो कुर्सी से खड़ी हुई और उसने
श्रेया को गले से लगा लिया, दोनों की आँखों से आंसू छलक उठे. उस दिन सारे राजों पर
से पर्दा उठ गया. शोर्य ने ईला को बताया के किस तरह उनकी पहली मुलाकात के दौरान ही
श्रेया ने उन्हें देख लिया था और फिर किस तरह वो श्रेया से मिला और उसे सारी बातें
समझाई.
“shreyuu! बेटे तुम सब
जानती थीं! तुमने मुझे बताया क्यूँ नहीं?” ईला ने पूछा.
“it was our plan mom”, श्रेया शोर्य
को देखकर मुस्कुराई. “your happiness is most important for
me, हम बस आपको surprise देना चाहते
थे.
ईला यह
देखकर ख़ुशी से गुलज़ार हो गई और श्रेया का माथा चूमते हुए पूछा -“tell me
क्या
चाहिए मेरी princess को”.
“mom! (मुस्कुराते हुए) अब तो ढेर सारी shopping होगी, its
your wedding ”, श्रेया
ने ईला को कसकर गले लगा लिया( हे शुभारंभ हो शुभारंभ मंगल बेला आई सपनो की डेहरी पे दिल की बाजी रे शहनाई!)
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