ड्रीमवर्क्स प्रोडक्शन द्वारा रचि गई एनिमेटेड फ़िल्म "कुंग फु पाण्डा 3" में एक प्रसंग आता है जब मास्टर ऊगवे फ़िल्म के खलनायक से कहते हैं "The more you take The Less You have" जीवन में सचमुच कुछ पल तो ऐसे होते हैं जब कुछ ना होकर भी हमारे पास सबकुछ होता है। एक अंधे के पास आँखें नहीं होती मगर दृष्टि तो होती ही है। और स्वामी विवेकानंद कहते हैं- "If You don't Have Eyes that's Not a Problem but If You don't Have a Vision Than Yes It's A Problem"
एक ऐसी जगह जहां,
कुछ भी ना हो।
एक ऐसी जगह,
यहां सचमुच में हो।।
जहां ख्वाबों का मेरे,
कोई कातिल ना हो।।
मैं सबकुछ करूँ।
और कुछ हासिल ना हो।।
जहां की हवा में,
हो सन्नाटों का शोर।
हो सन्नाटों का शोर।
मूक जहाँ की हर निशा,
और चुपचाप हो भोर।।
मैं बैठूं,बिठालूँ खुद को जहां,
मैं निखरुं,निखारूँ खुद को जहां।
ना होके भी कुछ,जहाँ सबकुछ सा हो,
एक ऐसी जगह यहां सचमुच में हो।।
कुछ पाने की ज़िद जहां होगी नहीं,
कुछ खोने का डर ना सताए जहां।।
उस जगह का अगर मुझको मार्ग मिले,
मैं जाऊं वहां, छोड़ सारा जहां।।
जहां सफ़र तो होगा,
पर मंज़िल नहीं।।
और मंज़िल नहीं,
तो कोई मुश्किल नहीं।।
मैं लूटूँ नज़ारे, सब भुला दूँ जहां।
आकाँक्षाओं को सुला दूँ जहां।।
ना होके भी कुछ,जहां सबकुछ सा हो।
एक ऐसी जगह यहां सचमुच में हो।।
बन जाऊं कुछ पल आवारा जहां।
मन-मौजी मैं, ओ मेरा मन हो जहां।।
कोई करिश्मा किसी रोज़ हो,
मैं अकेला रहूँ और संग फ़ौज हो।।
कल्पना से सजी वो निराली जगह।
मैं चाहूँगा जाना वहां बे-वजह।।
कर बैठा हूँ मैं इन सलाखों से प्यार।
हैं चौखट तक सिमित मेरे अनहद विचार।।
जहाँ हल्ला करूँ मैं,जहाँ टल्ला सकूँ मैं।
हदों से परे मैं जाऊं जहां।।
ना होके भी कुछ,जहां सबकुछ सा हो।
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