Wednesday, 7 May 2025

हम भारत के लोग | Pahalgam Terrorist Attack & Operation Sindoor



विनय न मानत जलधि जड़, गए तीनि दिन बीति।

बोले राम सकोप तब, भय बिनु होइ न प्रीति।।


-तुलसीदास


पहलगाम, कश्मीर में हुए कायराना आतंकी हमले के दो दिन बाद की बात है। मैं सुबह-सुबह दैनिक भास्कर अख़बार की एक ख़बर पढ़ रहा था। हमले में हमारे 26 नागरिक मारे गए थे - और यह रिपोर्ट उन सभी का ज़िक्र करते हुए लिखी गई थी। इसके एकदम आख़िर में हर एक शख़्स की तस्वीर थी, जिसके नीचे उनका और उनके राज्य का नाम था। फ़ेहरिस्त में - महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, हरयाणा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, पंजाब, केरल, गुजरात, कर्नाटक, ओडिशा, आंध्र, अरुणाचल - सभी का नाम था। एक ही दिन, एक ही वक़्त पर, एक ही जगह - पूरा देश मौजूद था।


आज ठीक इस समय भी आप देश के चाहे किसी कोने में चले जाएं, आप पाएंगे कि कश्मीर की ही तरह वहां भी किसी न किसी नज़रिये से पूरा देश मौजूद है। भारत मौजूद है। अनेकता में एकता के नारे को अनवरत चरितार्थ करता ये अद्भुत देश - जिसका संविधान, जिसकी सेना, जिसके लोग, जिसकी संसद, जिसकी तमाम व्यवस्थाएं कुछ इस तरह एक दूसरे में गुथी हुई हैं, कि इनमें से किसी का भी बिखरना संभव नहीं है। यहाँ एक व्यवस्था के ऊपर दूसरी व्यवस्था है और दूसरी के ऊपर तीसरी। भारत वह वृक्ष है जिसके तने और जिसकी जड़ें - दोनों समान गति से बढ़ती हैं। हमें न उखाड़ पाना मुमकिन है, और न काट पाना। न आदि, न अंत।


विगत कुछ वर्षों में जो कुछ अफ़ग़ानिस्तान में हुआ, जो श्रीलंका में, और बांग्लादेश में हुआ - वैसा कुछ भी हमारे यहाँ नहीं हुआ। क्योंकि हमारी मान्यताएं, हमारी संस्कृति - सर्वधर्म सम्भाव की है। एकं सद्विप्रा बहुधा वदन्ति की है। वसुधेव कुटुंबकम की है। जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गदपि गरियसी की है। हमें ये कभी नहीं भूलना चाहिए कि हमारी एकता(एकरूपता नहीं।), एकजुटता ही दहशतगर्दों के आँखों की किरकिरी है।


अखंडता प्रमाण है -- नींव संविधान है। संविधान जो भारत के अजेय रथ का सारथि है। संविधान जो बहुधा समस्याओं के बावजूद भी सुखद भविष्य की उम्मीद को मरने नहीं देता। संविधान जो हर नागरिक को शक्ति देता है, लेकिन किसी को भी सर्वशक्तिमान नहीं बनने देता। संविधान जो ख़ुद अपने में सुधार की सम्भावना को जीवित रखता है। संविधान जिसे जाति, धर्म, पंथ, समुदाय, राज्य, भाषा आदि सब कुछ दिखाई देता है। और इसलिए वह न्याय के ऊपर इनमें से किसी को नहीं रखता।


और संविधान जो कर्नल सोफ़िया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की हिम्मत बनता है और उन्हें अपने देश की रक्षा की ज़िम्मेदारी सौंपता है। आज मुझको, आपको, हम सबको अपने प्यारे भारत पर, अपनी भारतीयता पर गर्व है। और ये गर्व सदैव अक्षुण्ण रहना चाहिए।


शेर महशर अफ़रीदी का है - ज़मीं पे घर बनाया है मगर जन्नत में रहते हैं // हमारी ख़ुश-नसीबी है कि हम भारत में रहते हैं।

Keep Visiting!

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