Sunday 30 December 2018

गुफ़्तगू विथ गॉर्जियस : अनुपमा सिंह।


बहुत याद करने पर भी अब वो दिन याद नहीं आता जब मैंने पहली दफा शब्दों को अपनी कलम के ज़रिये किसी कागज़ पर तरतीब से जमाया था। इन पांच-सात सालों के साहित्यिक सफर में चंद कच्ची पक्की कविताएँ, कुछ आधे-अधूरे तो कुछ मुकम्मल अफ़साने, बे-बहर ग़ज़लें और कुछ साधारण से मज़मून तखलीक किये हैं। इन सब के अलावा फिल्मों और किताबों का शौकीन होने की वजह से गाहे-बगाहे कुछ कलाकरों, अदाकारों और लेखकों से मिला हूँ और उनसे हुई मुलाक़ात से मुतासिर होकर उनके साथ हुई गुफ्तगू को एक इंटरव्यू की शक्ल भी देता रहा हूँ।

तमाम हिन्दुस्तान के फिल्म समीक्षकों और लोगों के दिलों में अपनी अमिट जगह बनाने वाली फिल्म स्त्री को जब मैंने देखा तो खुद को उसकी समीक्षा करने से रोक नहीं सका। समीक्षा लिख लेने के बाद मैंने उसे फिल्म से जुड़े तमाम लोगों को भेजा और फिल्म के निर्देशक के साथ साथ फिल्म की एक अदाकारा फ्लोरा सैनी से बधाई हासिल की। फ्लोरा जी से बात करते हुए इतना अच्छा लगा कि उनका एक इंटरव्यू मैंने अपने ब्लॉग पर पब्लिश कर दिया। उन्हीं के ज़रिये मेरी मुलाक़ात हुई अनुपमा सिंह से।  मुंबई शहर की एक जानी मानी एंकर, होस्ट और सेलिब्रिटी इंटरव्यूअर। सलमान खान, टाइगर श्रोफ, विकी कौशल, यामी गौतम, फ्लोरा सैनी और अली फज़ल जैसे मकबूल कलाकारों से गुफ्तगू कर चुकीं अनुपमा से बात की मैंने यानी आपके प्रद्युम्न आर. चौरे ने और जाने कई सारे सवालों के प्यारे और ज़हीन जवाब।



सवाल
- आप एक एंकर और होस्ट होने के साथ-साथ एक मॉडल भी हैं। तीन अलहदा पेशों को कैसे मैनेज करती हैं?

जवाब - जी! मैं एक एंकर हूँ, एक होस्ट हूँ और मॉडलिंग कभी-कभी कर लेती हूँ। वैसे मॉडलिंग तो क्या ही करती हूँ, एक्चुअली एक्टिंग करती हूँ। दूसरा जहाँ तक इन्हें मैनेज करने की बात है तो मैं यह देखती हूँ कि किस काम में मुझे कुछ नया एक्स्प्लोर करने को मिलेगा, किस काम में ज़्यादा घूमने या सीखने को मिलेगा। कभी-कभी पेमेंट कितना मिल रहा है वो भी देखना पड़ जाता है। तो एक तरह से यह सारे फैक्टर्स हैं जिनके ज़रिये मैं यह तय करती हूँ कि किस वक़्त, किस काम को तरजीह देना है।

सवाल - अपने बचपन और टीनऐज के बारे में बताइए।

जवाब - मेरा बचपन काफी यादगार और मज़ेदार रहा क्योंकि उस समय मैं गाँव में रहा करती थी। हम लोग गोबर के उपले बनाने, उसे लीपना से लेकर वो सारे काम करते थे जो कि एक गाँव में होते हैं। सो एव्रीथिंग वाज़ फन। जहाँ तक टीनऐज की बात है तो वो मैंने अपने पिता के साथ बिताया है। मैं बहुत सारे अलग अलग स्कूल्स में पढ़ी हूँ क्योंकि मेरे पापा आर्मी में थे। मैं उन स्कूलों में भी पढ़ी हूँ जहाँ सिक्स्थ क्लास के बच्चों को ए, बी, सी, डी पढाई जाती थी और ऐसों में भी पढ़ी हूँ जहाँ संस्कृत को भी इंग्लिश में ट्रांसलेट किया जाता था। सो राईट फ्रॉम कॉन्वेंट टू को-एड मैंने हर तरह के स्कूल अटेंड किये हैं। और बचपन से ही मैं फिल्मों की बहुत बड़ी फैन रही हूँ।  ऐसा ही था मेरा बचपन और फिर मेरी जवानी(हँसते हुए)


सवाल - मुंबई आने का ख्याल कब आया?

जवाब - मुंबई, मैं हमेशा से आना चाहती थी। यह मेरा एक सीक्रेट ड्रीम था। फ़िल्में और म्यूजिक मुझे हमेशा फेसिनेट करते थे। बचपन में टीवी देखते हुए ही मैंने सोच लिया था कि मुझे भी यही काम करना है, टीवी में जाना है। जैसा कि मैंने बताया मेरा बचपन गाँव में बिता है तो वहां पर सारे के सारे लोग एक ही टीवी के सामने बैठकर चीज़ें देखा करते थे। कोई डिस्क्रिमिनेशन नहीं। कोई दुखी भी होता था तो वो टीवी देखकर खुश हो जाता था। तो मुझे हमेशा से लगता था कि फिल्मों में वो पॉवर है कि वह लोगों को खुश कर सकती है। पहली दफा मुंबई आने का मौका मुझे कैंपस प्लेसमेंट के ज़रिये मिला था लेकिन मैंने उसे ठुकरा दिया था। मुझे मास कम्युनिकेशन करना था। किस्मत से जिस दिन मास्टर्स का मेरा लास्ट दिन था उस ही दिन मेरी मुंबई की ट्रेन भी थी क्योंकि मुझे एक फिल्म को असिस्ट करने का मौका मिल गया था। साथ ही उस वक़्त मैं ऑल इण्डिया रेडियो में एनाउंसर थी और इसलिए मैंने अपना ट्रान्सफर विविध भारती, मुंबई करवा लिया। ऐसे मेरे दो सपने एक साथ पूरे हो गए। पहला मुंबई आने का और दूजा विविध भारती में काम करने का।

सवाल - आपने दर्जनों सेलेब्स का इंटरव्यू लिया है। सबसे ज़्यादा मज़ा किसके साथ आया?

जवाब - मुझे इंटरव्यू करना बहुत बहुत ज़्यादा पसंद है क्योंकि सच कहूँ तो मुझे दूसरों की लाइफ के बारे में जानने में काफी इंटरस्ट आता है। अब किसकी लाइफ मुझे इंस्पायर करती है का जवाब देना तो मुश्किल है क्योंकि जो लोग मुझे सबसे ज़्यादा इंस्पायर करते हैं उनका इंटरव्यू लेने का मौका ही नहीं मिल पाया है। सुष्मिता सेन, रेखा जी और ओपरा विनफ्रे मुझे बहुत अधिक इंस्पायर करते हैं। सुष्मिता जी से सोशल मीडिया पर बातचीत हो जाती है, रेखा जी से एक बार फ़ोन पर बात हुई है। तो हाँ मैं इन तीनों में से किसी का भी इंटरव्यू लेने की इच्छा रखती हूँ। सबसे ज़्यादा मज़ा सलमान खान , जॉन अब्राहम और अली फज़ल को इंटरव्यू करने में आया क्योंकि सलमान एकदम खुले मिज़ाज के इंसान हैं। उनका इंटरव्यू रात के सवा ग्यारह बजे हुए था और वो बहुत थके हुए थे लेकिन फिर भी उन्होंने बहुत अच्छे से मुझसे बातें की और कई ऐसी बातें बताई जो मैंने पूछी तक नहीं थीं। जॉन अब्राहम को इंटरव्यू करना भी मज़ेदार रहा। उनकी तबियत बहुत ज़्यादा खराब थी इसके बावजूद उन्होंने मुझे बुलाया और इंटरव्यू दिया। उन्होंने मुझे मेरे काम के लिए सल्यूट भी किया था। इसके अलावा अली फज़ल को इंटरव्यू करना भी काफी अच्छा लगा।


सवाल - आपके आउटफिट्स काफी कैची और हॉट होते हैं। क्या आप इन्हें खुद डिज़ाईन करती हैं?

जवाब - वेल! थैंक यू तारीफ के लिए। असल में मैं काफी मूडी इंसान हूँ तो हर दिन का आउटफिट मेरे उस दिन के मूड पर आधारित होता है। कभी -कभी डिज़ाइनर के दिए हुए कपड़े पहनती हूँ जो भी वो सेट पर देते हैं। लेकिन मोस्टली अपने सारे आउटफिट्स में खुद ही डिज़ाईन करती हूँ। हालाँकि कपड़ों के मटेरियल का ध्यान मैं हमेशा रखती हूँ। हाल-फिलहाल में काफी लोगों ने मेरे ड्रेसिंग सेंस की तारीफ की है और यह बात वाकई ख़ुशी देती है।

सवाल - फिल्मों में आने का मन रखती हैं? अगर हाँ तो अपने आप को किसके अपोजिट देखना पसंद करेंगी?

जवाब - बिल्कुल रखती हूँ। एक्चुअली में ये मेरी सीक्रेट डिज़ायर है कि मैं एक स्वीट सी रोमेंटिक फिल्म करूँ। उस तरह की फिल्म का हिस्सा बनूँ जिन्हें देखकर मैं बड़ी हुई हूँ, सिनेमा की ओर अट्रेक्ट हुई हूँ। खुद को किसी नए लड़के के अपोजिट देखती हूँ(काफी सोचने के बाद)


सवाल - किस तरह का सिनेमा पसंद करती हैं और आपके मनपसंद निर्देशक कौन हैं?

जवाब - हमेशा से लाइट सिनेमा की फैन रही हूँ। ऐसा सिनेमा जिसे देखकर दिल खुश हो जाए, रात को अच्छी नींद आए। रोमेंटिक फ़िल्में, लाइट कॉमेडी एक्सेक्ट्रा। पसंदीदा निर्देशक राजकुमार हिरानी, करण जोहर, इम्तिआज़ अली, संजय लीला भंसाली। इनका फिल्म मेकिंग का तरीका मुझे बहुत ज़्यादा पसंद है।

सवाल - पांच फ़िल्में जो आपके दिल के बेहद करीब हैं।

जवाब - आई लव आनंद क्योंकि वो फिल्म देखकर मुझे हमेशा लगता है कि मैं भी राजेश खन्ना जी की तरह रियल लाइफ में एक इंसान बन सकूँ। आई लव अंदाज़ अपना अपना। प्यार किया तो डरना क्या मुझे बहुत पसंद है। मैं उस फिल्म को लूप में देख सकती हूँ। कुछ कुछ होता है मेरे दिल के बेहद करीब है क्योंकि वो पहली फिल्म थी जिसे मैंने वी.सी.आर. पर नॉन-स्टॉप देखा था। इनके अलावा अमिताभ बच्चन जी की तमाम फ़िल्में मुझे पसंद हैं।


सवाल - मुंबई और देश में रह रहीं लड़कियों को क्या मैसेज देना चाहेंगी।

जवाब - मैं सभी के साथ सक्सेस से जुड़ी कुछ बातें शेयर करना चाहूंगी जो मैंने समझी हैं। पहली बात तो ये की यह मेटर नहीं करता कि आप ज़िन्दगी में क्या करते हैं लेकिन ये ज़रूर मेटर करता है कि उसे करने के पीछे आपकी नियत क्या है। आपकी नियत ही आपका भविष्य तय करती है। दूसरी बात दुनिया में दो ही चीज़े हैं एक प्यार   और दूसरा डर। अगर आप कोई काम डर के करते हैं तो उसकी उम्र ज़्यादा नहीं होती इसलिए ज़रूरी है कि या तो आप वो करें जिससे आपको प्यार है या फिर जो काम आप कर रहे हैं उससे प्यार करना सीख लीजिये। तीसरी और सबसे ज़रूरी बात यह कि खुद पर विश्वास करना सीखें।  मेरी नज़र में सक्सेस के ये तीन ही मन्त्र हैं।

Keep Visiting!

3 comments:

  1. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  2. She is the most amazing anchor,host and ambitious person with positive vibes. She is inspiration to many that includes me. Everyone should follow her and should learn how to see and fulfil dreams. She is a down to earth person and also animal lover.If someone meets her once he/she will be eager to meet her again and again.She has seen many ups and downs in her life but she never left dreaming nor stopped achieving it. So i wish her best of luck for bright future just like shining star 🌟

    ReplyDelete

पूरे चाँद की Admirer || हिन्दी कहानी।

हम दोनों पहली बार मिल रहे थे। इससे पहले तक व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम पर बातचीत होती रही थी। हमारे बीच हुआ हर ऑनलाइन संवाद किसी न किसी मक़सद स...