आज से कुछ ही दिन पूर्व 26 जनवरी को हमारा गणतंत्र दिवस था।
वो दिन जब हमारे देश को संविधान मिला देशवासियों को उनके अधिकार मिले।
चारो और हर गली हर चौराहे पर तिरंगा लहरा रहा था।
सभी खुश नज़र आ रहे थे,सड़कें साफ़ थीं
वो भोजनालय जहां में रोज़ खाना खाता हूँ देशभक्ति के गीतों से गूंज रहा था।
वहां काम करने वाले बच्चों की छुट्टी थी। संविधान ने जो अधिकार हर देशवासी को दिए है वो इन्हें सिर्फ उसी दिन नसीब हुए थे।
नन्हे मुन्ने बच्चे हाथ में तिरंगा लिए हुए थे
वो भी खुश थे क्योंकि वे भी जानते थे के ये दिन कुछ खास है कुछ बड़ा क्योंकि उनकी नन्ही आँखे उस दिन वो सब देख रही थी जो उनने पहले कभी नहीं देखा या देखा भी होगा
15 अगस्त पर।
मै भी सुबह सुबह ही निकल गया था दोस्तों के साथ हम शहर से लगभग 50-60 किलोमीटर दूर "वांचू पॉइंट" नामक एक जगह पर जा रहे थे।
रास्ते में मै बस यही सोच रहा था के क्या हमारे देश में देशभक्ति है क्या लोग देश से प्यार करते हैं,क्या लोग राष्ट्रिय ध्वज का सम्मान करते हैं जहां एक और मेरे दिमाग में ये विचार भाग रहे थे वहीँ दूसरी और हमारा काफिला भी तेज़ी से शहर को पीछे छोड़ अंदरूनी गाँवो में बढ़ता चला जा रहा था,जैसे जैसे हम अंदर और अंदर जाते जा रहे थे इमारतें कम हो रही थी और खेत खलियान बढ़ते जा रहे थे।
सड़कें सकरी और कच्ची होती चली जा रही थी
जल्द हम उन इलाकों में पहुँच गए जहां पर विद्यालय तो होते हैं मगर शिक्षक और विद्यार्थी नहीं जहां अस्पताल तो होते हैं मगर डॉक्टर्स नहीं।
मगर जिस बात ने मुझे सबसे ज़्यादा प्रभावित किया और मेरे मन को हर्ष,उल्लास और गर्व से भर दिया वो बात ये थी के हर जगह हर स्कूल में हर चिकित्सालय में झंडा वंदन हुआ था क्योंकि हर जगह कल-कल,मुसलसल लहराता तिरंगा साफ देखा जा सकता था।
कोई सा छोटा था कोई मैला कोई बहुत बड़ा था तो कोई सा थोडा झुका हुआ पर हर एक तिरंगा सिर्फ एक बात कह रहा था-
"किसी पद की किसी नाम की
आवश्यकता नहीं है मुझको
मेरा नाम तो विश्व मंच पर
अपने आप ही सजता है
क्यूंकि देख ले दुनिया
तिरंगा केवल दिल्ली में नहीं
लोगों के दिल में बसता है"
आज का दिन सफल हो गया सचमुच आज ये मंज़र ये नज़ारे देखने के बाद लगता है कहना ही पड़ेगा-
💐💐"सलाम इंडिया"💐💐
विचार कीजियेगा
😊😊😊😊📝
#kalam_kudrati
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(published on 26th January)
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